रविवार, 24 जून 2012

कृषि विभाग ने खरीद लिया कांकेर की मिडिया


 

वन मंत्री विक्रम उसेंडी व अन्य आदिवासी नेताओं की उपस्थिति में कांकेर हुए किसान सम्मलेन में किसानों के साथ हुआ था धोखा | अनेक किसान बस्तर समाचार के कार्यालय में पहुँच कर रोज स्थानीय अख़बार में उनके साथ हुए अन्याय की खबर नहीं छपने का कारण पूछ रहें है | बीमा भुगतान व अन्य प्रलोभन देकर बुलाये गए किसानो को कार्यक्रम के नाम पर दिन भर भूखा रखा गया |  हजारों किसान के नाम पर भोजन का बिल बनाने वाले कृषि विभाग ने वास्तव में उपस्थित दो -दाई सौ किसानो को भी भोजन उपलब्ध नहीं कराया था | कृषि विभाग ने भोजन के लिए किसानो से वादा किया था |  भोजन नहीं मिलने से नाराज किसानो ने तब हंगामा भी खड़ा कर दिया था, और गुस्से में टैंट फाड़ने और बर्तन तोड़ने की घटना भी घटी थी | इस घटना को एक सप्ताह बीत जाने के  बाद भी किसी अख़बार में जगह नहीं मिली | कृषि विभाग ने आयोजन मद के बड़े हिस्से को अच्छे कवरेज मिलने की आशा में पत्रकारों को बाँट दिया था | किसानो के विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रमों से पैसे चुराकर इस विभाग द्वारा पिछले कई वर्षों से मिडिया को खरीद कर अनेक घोटाला किया जा रहा है | जिला प्रशासन से लेकर विभागीय मंत्री तक को खुश रखने में सक्षम अधिकारी इस विभाग में एक ही जगह पदस्थापना का रिकार्ड तोड़ कई वर्षों से अंगद की तरह जमे हुए है | किसानों के नाम से राजनीति में वापस आने की कोशिश में लगी कांग्रेस ने भी इस घटना को मुद्दा इसलिए नहीं बनाया क्योकि इस कार्यक्रम में सम्पूर्ण व्यवस्था का ठेका उन्ही के अपनों को जो मिला था | 

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