तानाशाह अरविन्द अवस्थी का पूरे प्रदेश में बहिष्कार करें | जिसने भी पत्रकार संघ में लोकतान्त्रिक प्रक्रिया की बात की उसे संघ से ही निकलने का रास्ता अपनाया गया | अपने दोनों अध्यक्षीय कार्यकाल में अरविन्द अवस्थी अपने साथियों से लड़ाई - भिड़ाई करते रहा | पत्रकारों के साथ तरह-तरह
अन्याय हो रहा है , मगर ये महाशय उलटे पत्रकारों पर हिंसा के जवाबदार सत्ता पक्ष की गोदी में बैठ गया है |
इनकी कार्यकारिणी के अधिकांश सदस्य इनके खिलाफ है , फिर भी बेशर्मी की हद पर कर ये पद से चिपक कर बैठ गए है | पूरे प्रदेश से ईमानदार व निष्ठावान पत्रकारों ने लग-भग इनके संघ से नाता तोड़ लिया है | रायगढ़ , बिलासपुर , जांजगीर , कोरबा , सरगुजा , व बस्तर के सभी जिलों में इनका संघ ही समाप्त हो गया है |
वरिष्ठ भाजपा नेता प्रवीर बन्देशा संघ के महासचिव होने के कारण जुड़े हुये है, जो वैसे भी पत्रकार कम भाजपा नेता है | राष्ट्रीय पद के लालच में आँखों में पट्टी बांध ध्रितराष्ट्र की भूमिका में रायपुर के वरिष्ठ पत्रकार शंकर पांडे को छोड़ कर [ हालाँकि हमें भरोसा है कि समय कि जरुरत और अपनी प्रतिष्ठा का ख्याल कर ये वरिष्ठ साथी अब अपनी आँखों से पट्टी खोलेंगे } अब एक भी पत्रकार इस संघ में नहीं बचे , केवल लूट- खसोट कम्पनी बची है |
इनकी कार्यकारिणी के अधिकांश सदस्य इनके खिलाफ है , फिर भी बेशर्मी की हद पर कर ये पद से चिपक कर बैठ गए है | पूरे प्रदेश से ईमानदार व निष्ठावान पत्रकारों ने लग-भग इनके संघ से नाता तोड़ लिया है | रायगढ़ , बिलासपुर , जांजगीर , कोरबा , सरगुजा , व बस्तर के सभी जिलों में इनका संघ ही समाप्त हो गया है |
अध्यक्ष पद : आजीवन पट्टा ? |
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