शनिवार, 4 जनवरी 2014

ओरछा से बीजापुर तक "मिडिया स्वतंत्रता पदयात्रा " गणतन्त्र दिवस से शुरू और गांधी पुण्यतिथि को संपन्न होगी


पदयात्रा मिडिया के प्रति विश्वसनीयता खोते नक्सलियों के खिलाफ है | माओवादियों से मिडिया की स्वतंत्रता बनाये रखने की अपील के साथ , मिडिया का मुंह दबाने की कोशिश के खिलाफ व निर्भीक - निरेपक्ष होकर पत्रकारिता का माहौल बनाने का सन्देश देने के लिए नारायणपुर जिले के ओरछा से बीजापुर तक पदयात्रा की तिथि 26 जनवरीसे ३० जनवरी 2014 घोषित कर दी गयी है । पद यात्रा गणतन्त्र दिवस से शुरू होगी और गांधी जी की पुण्यतिथि को संपन्न होगी । पदयात्रा का यह अभियान कथित जनताना सरकार के खिलाफ है जो निरपेक्ष मिडिया को अपने कथित जनयुध्द के लिए ख़तरा मानकर कुचलने में वैसे ही लगी है जैसे की छत्तीसगढ़ सरकार । यह पदयात्रा छत्तीसगढ़ की उस सरकार के खिलाफ है जो मिडिया को स्वतन्त्र व निर्भीक वातावरण देने की अपनी जवाबदारी से मुकर गयी है । एक साल के भीतर हमारे दो जन सारोकारों से जुड़े पत्रकारों नेमीचंद जैन और साई रेड्डी को मुखबीर बता नक्सलियों ने मार डाला , वहीँ सरकार ने भी इन्ही पत्रकारों कभी नक्सलियों का साथी बता प्रताड़ित किया । इनमे से एक साई रेड्डी को तो जन सुरक्षा अधिनियम के जन विरोधी कानून के तहत जेल भी भेजा गया । नक्सली हिंसा में मारे गए और भविष्य में मारे जाने वाले साथियों को शहीद का दर्जा दिलाने के लिए संघर्ष जारी है , इसके लिए सभी साथियों से आह्वान किया गया है कि वे अपने मेल , एसएमएस , डाक के माध्यम से प्रदेश के राज्य पाल , मुख्यमंत्री ,विधायक , सांसद , मुख्यसचिव आदि को अलग-अलग पत्र भेजकर मांग करें कि नक्सल हिंसा के शिकार पत्रकार साथी नेमीचंद जैन व साई रेड्डी को शहीद का दर्जा दिया जाये , भविष्य में भी नक्सल हिंसा में वाले साथियों को शहीद का दर्जा देने के लिए अध्यादेश जारी किया जाये । -निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता को प्रोत्साहित करने के लिए पत्रकार साथी साई रेड्डी के नाम से पुरस्कार की घोषणा की जाये , जिन्हे अपनी निर्भीक कलम की वजह से प्रदेश सरकार और नक्सली दोनों की प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा ।
इस पदयात्रा में शामिल होने से पहले आप जान लें कि पदयात्रा का लग-भग 65 किमी मार्ग अबुझमाड़ से होकर जायेगा जो मिडिया और सरकार के अनुसार नक्सलियों के प्रभाव का इलाका है । अघोषित रूप से सरकार ने इस इलाके को जनताना सरकार को सौंप रखा है । 50,000 वर्ग किलोमीटर में फैले इस इलाक़े में सरकारें नहीं पहुँच पाई हैं । यह देश का इकलौता इलाका है जो अन - सर्व्ड है । अंदर के गावों व लोगों की संख्या अब भी सरकार के लिए खुद ही प्रश्न बने हुए है । इस आंदोलन में शामिल होना आपकी इच्छा और खुद के रिस्क पर है , हिंसा को आंदोलन का हथियार बताने वालों के मिडिया नीति के खिलाफ यह अपनी तरह का पहला आंदोलन है ।

जिस सरकार ने पहले ही पत्रकारों के लिए सुरक्षित वातावरण देने के लिए कोताही बरत रखी है , उससे हमें किसी सुरक्षा की दरकार नहीं है ।

पदयात्रा में 26 जनवरी को पहला पड़ाव 13 किमी दूर आदेर ग्राम है , जहाँ से 19 किमी दूर जाटलूर 27 जनवरी को दूसरा पड़ाव होगा । सम्भवतः 28 जनवरी को अगला पड़ाव लंका और 29 को कुटरु (जिला- बीजापुर ) हो सकता है । इस पदयात्रा में शामिल होने की सहमति अब-तक आदरणीय गिरीश पंकज , राजीव रंजन प्रसाद , बप्पी राय , तामेश्वर सिन्हा , अब्दुल हमीद सिद्दीकी , प्रभात सिंह , सुधीर तम्बोली आजाद , मनोज ध्रुव , नितिन सिन्हा , याज्ञवल्क्य वशिष्ठ  
Priyanka Kaushal Yadav  , रंजन कुमार , नीलकमल वैष्णव अनिश , संजय शेखर , समीम शेख
का मिल चुका है । जिन अन्य साथियों को इस यात्रा में शामिल होना है वे कृपया इस पोस्ट के कमेंट बाक्स में सहमति प्रदान करें । पदयात्रा में शामिल होने के लिए आपको आवश्यक दवा , हल्का वजन वाला गर्म कपडा और पिट्ठु बैग के साथ 26 जनवरी को तीन बजे तक सीधे ओरछा , जिला -नारायणपुर ( छत्तीसगढ़ ) पहुचना है । इसके लिए आपको रायपुर से जगदलपुर राष्ट्रीय मार्ग -30 में आकर कोंडागांव से 5 किमी पहले नारायणपुर की और मुडना है , और नारायणपुर से 3 किमी पहले छोटेडोंगर - ओरछा मार्ग है । ओरछा के बाद पदयात्रा के मार्ग में पड़ने वाले सभी गांव हर प्रकार से विकास व दूकान मुक्त हैं , अतः आप अपने लिए आवश्यक सामान इससे पहले ले लीजिये ।

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